लुधियाना और पंजाब की मध्यम एंड स्माल स्केल इंडस्ट्री पर छाए संकट के बादल -Ludhiana Punjab Industry Under Pressure and Crisis - Coronavirus (COVID-19)
लुधियाना और पंजाब की मध्यम एंड स्माल स्केल इंडस्ट्री पर छाए संकट के बादल।
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हाल ही में कोरोना वायरस कोविड-19 के चलते पंजाब में कर्फ्यू लगा दिया दिया गया था। और उस कर्फ्यू के चलते हुए ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पूरे भारत में 21 दिन का लॉक डाउन घोषित कर दिया।
23rd मार्च 2020 को 8 बजे रात्रि को प्रधानमंत्री मोदी ने देश को सम्बोधन करते हुए कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए 23rd मार्च रात 12 बजे से देश भर में 21 दिन के लॉक डाउन का ऐलान कर दिया।
उस भाषण में श्री मोदी ने यह नहीं बताया की इस लॉक डाउन की वजह से जो परेशानी आम जनता को आएगी उस से निपटने के लिए उन्होंने और भाजपा सरकार ने क्या इंतज़ाम किये है।
लॉक डाउन में खाने पीने की चीज़े कब और कहाँ से मिलेंगी, कौन सी सुविधाएं खुली रहेंगी और कौनसी बंद इसका कोई ज़िकर नहीं किया गया।
सब लोग, कारोबार और बाजार बंद हो जाने की सूरत में, कैसे घर का गुज़ारा करेंगे इस बारे में भी मोदी जी ने कुछ नहीं बताया।
लुधियाना, पंजाब का उद्योगिक शहर है। यहाँ पर लाखों छोटे और बड़े इंडस्ट्रियल यूनिट्स है। जिन पर लाखों लोगो की रोज़ी रोटी जुडी है।
प्रवासी मज़दूर सब से ज़्यादा लुधियाना की इकाइयों में काम करते हैं।
दिल्ली में अभी प्रवासी मज़दूर बड़ी संख्या में अपने गाँव जाने के लिए सड़को पर निकल पड़े और उसकी वजह से वह पर हर तरफ हफरा तफरी मच गयी। लाखों गरीब पैदल अपने गाँव की तरफ चल पड़े, इस उम्मीद पर की सरकार के द्वारा उनके घर जाने का इंतज़ाम कर दिया गया है।
जब वह लोग बड़ी तादात में सड़को पर आ गए तो सरकार और प्रशासन की नींद खुली और उन्होंने उनको सही सलामत उनके घर पहुंचाने के लिए बसों का इंतेज़ाम किया।
इस सब को देखते हुए बहुत सी सरकारों ने बहुत से नए दिशा निर्देश दिए। जिन में से प्रमुख हैं : -
- किसी को नौकरी से नहीं निकला जाये।
- उनको पूरी तनख्वाह दी जाए।
- माकन मालिक 1 या 2 महीने का किराया ना मांगे।
- किराया ना देने की वजह से किसी भी किरायेदार को बहार नहीं निकालें।
- जगह जगह गरीब मज़दूरों के रहने और खाने के प्रबंद किये जाएंगे।
बाकि सरकारों को देखते हुए पंजाब सरकार भी एक्टिव हुई और मुख्यमंत्री कप्तान अमरिंदर सिंह ने पंजाब में कुछ ऐलान किये जो की शायद किसी एक तबके को फयदा पहुंचा देंगे पर इंडस्ट्री की कमर तोड़ सकते हैं।
Tweet From Capt. Amrinder Singh |
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आईए देखते हैं पंजाब सरकार ने क्या कहा है : -
- सभी वर्कर्स को पूरी वेतन दी जाए, चाहे फैक्ट्री बंद है तो भी।
- सभी इंडस्ट्री वालों को माइग्रेंट लेबर का ध्यान रखने की हिदायत दी गयी है।
- मुख्यमंत्री ने यह भी कहा की जो इंडस्ट्री खोलना चाहते हैं वह खोल सकते हैं लेकिन उसकी कई शर्तें हैं : -
- सभी मज़दूर इंडस्ट्री के अंदर ही रहेंगे और काम करेंगे।
- फैक्ट्री मालिक को लेबर के खाने और पीने का इंतज़ाम करना पड़ेगा, फैक्ट्री के अंदर ही।
- हर तरह की मेडिकल हेल्प मुहैया करवानी पड़ेगी।
- हैंड सेनिटीज़र एंड मास्क का भी इंतज़ाम करना होगा।
यह सब सुविधा के साथ प्रवासी मज़दूर पंजाब में रह सकेंगे और कोरोना वायरस की रोक थाम और आने वाले खेती बाड़ी के सीजन में लेबर की कमी नहीं होगी।
सरकार के इन दिशा निर्देशों पर इंडस्ट्री ने मिली जुली प्रतिक्रिया दी है।
गुरमीत सिंह कुलार की तरफ से पंजाब मुख्यमंत्री कप्तान अमरिंदर सिंह से अपील की वह इंडस्ट्री खोलने के फैसले पर पुनः विचार करे।
गुरमीत सिंह कुलार की तरफ से पंजाब मुख्यमंत्री कप्तान अमरिंदर सिंह से अपील की वह इंडस्ट्री खोलने के फैसले पर पुनः विचार करे।
गुरमीत सिंह कुलार - अपील |
Gurmeet Singh Kular, Live on Facebook - 29th March 2020
बहुत सारी ट्रेड अस्सोसिएशन्स भी पंजाब सरकार के इस फैसले से खुश नहीं है और इसका विरोध कर रही हैं।
इंडस्ट्री ने मुख्यमंत्री को इन नीचे लिखी चीज़ो को मध्य नज़र रखते हुए अपना फैसला बदलने को कहा है : -
- लुधियाना में स्माल स्केल इंडस्ट्री है , छोटे छोटे फैक्ट्री है उस में 2 मीटर की दूरी नहीं बनायी जा सकती। और अगर किसी को इस दूरी ना बना पाने की वजह से कोरोना वायरस हुआ तो उसकी जिम्मेदारी फैक्ट्री के मालिक की बनेगी।
- इंडस्ट्री चलाने के लिए कच्चे माल की ज़रूरत पड़ती है , और वह माल शहर से बहार से आता है और काफी सामान पंजाब से बहार से आता है। अगर इंडस्ट्री खोलेंगे तोह कच्चा माल कहा से आएगा।
- और अगर कच्चा माल आ भी गया तोह जो माल बनेगा उसको बहार नहीं भेजा जा सकेगा। पंजाब की अपनी खपत सिर्फ 6 % है, बाकि साब माल बहार के राज्यों में जाता है। और अभी लॉक डाउन की वजह से तैयार माल बहार नहीं भेजा जा सकेगा।
- बने हुए माल को फैक्ट्री के अंदर नहीं रखा जा सकता उसके लिए गोदाम नहीं है ना हे इतनी जल्दी ऐसा कोई प्रबंध किया जा सकता है।
- लेबर को अंदर सुलाना , खिलाना और संक्रमण के खतरे से बचाने की ज़िम्मेदारी इंडस्ट्री मालिक पर आ जाएगी और अगर कुछ भी चूक हुई तो सरकार कार्यवाही कर सकती है।
- प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने जो 21 दिन का लॉक डाउन किया है उस के पूरा होने के बाद ही इंडस्ट्री खोली जाये , ऐसी सब इंडस्ट्री की मांग है।
- जान है तोह जहान है, 21 दिन के लॉक डाउन से इतना फरक नहीं पड़ेगा लेकिन अगर संक्रमण से किसी की जान पर बन आयी तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।
इन सब बातों को देखते हुए इंडस्ट्री ने मुख्यमंत्री से अपील की है की वह अपने इस फैसले को पुनः विचार करे और केंद्र सरकार के 21 दिन के लॉक डाउन ख़तम होने ने बाद ही इंडस्ट्री चलने का आदेश दे।
गुरमीत सिंह कुलार की पूरी बात आप नीचे दिए हुए लिंक से सुन सकते है।
Gurmeet Singh Kular - Appeal on JagBani Live
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